. राग सारंग
पहिले करि परनाम नंद सो समाचार सब दीजो।
औ वहां वृषभानु गोप सो जाय सकल सुधि लीजो।।
श्रीदाम आदिक सब ग्वालन मेरे हुतो भेंटियो।
सुख-सन्देस सुनाय हमारी गोपिन को दुख मेटियो।।